Do you know what is #Podcasting? If you don't know then its for YOU
क्या आप जानते हैं पाॅडकास्टिंग क्या है, अगर नहीं तो जरूर पढें और सुनें
-पाॅडकास्टिंग से अब लोगों को पढ़ने के बजाय सुनने को मिल रही जानकारी
पॉडकास्टिंग
एक ऐसी कला है, जिसके जरिए हम अपने किसी संदेश को लिखित के बजाय ऑडियो फार्मेट में
रिकॉर्ड करके अपने सुनने वालों तक पहुंचाते हैं। अब तब हम अधिकतर पढ़ने वाली जानकारी
पर निर्भर होते थे, लेकिन वर्तमान परिप्रेक्ष्य में #पॉडकास्टिंग की शुरूआत ने पुराने
संचारगत तरीकों में बड़ा बदलाव दर्ज किया है। यह बिल्किुल ऐसा है कि हम जैसे समाचार
पत्र को पढ़ने के बजाए इंटरनेट के जरिए सुनने लगें। इसकी खासियत यह है कि पॉडकास्टिंग
में दी जा रही जानकारी को श्रोता अपने डिवाइस पर अपनी इच्छानुसार और सुविधानुसार डाउनलोड
पर कर सकते हैं।
दिनों
तक बढ़ती तकनीक संचार माध्यमों को और प्रभावी बना रही है और पॉडकास्टिंग भी इसका एक
बेहतर उदाहरण है। पॉडकास्टिंग को बेहद मजेदार और जानकारी परक बनाने के लिए लोगों से
जुड़े मुद्दों को पेश किया जाता है, ताकि लोगों में पॉडकास्टिंग के प्रति रुझान को बढ़ाया
जा सके। पॉडकास्टिंग के लिए बेहद सरल और आकर्षक शब्द तकनीक के प्रयोग के साथ भाषा ज्ञान
और शब्द उच्चारण सटीक होना भी आवश्यक है। जैसा कि हम जानते हैं कि समाचार पत्रों, टीवी
चैनलों, डिजिटल मीडिया और विभिन्न ब्लॉगिंग साइट्स के बीच पॉडकास्टिंग भारत में उभरता
हुआ एक ऐसा माध्यम है जो लोगों को जानकारी देने के तरीके को और भी आसान बना रहा है।
पॉडकास्टिंग
में श्रोताओं को ऑडियो फार्मेट में जानकारी मिलती है, हालांकि यह सुनने में ऐसा लगता
है जैसा कि हम रेडिया पर सुनते हैं, लेकिन यह रेडिया की लाइव प्रसारण से थोड़ा अलग है।
पॉडकास्टिंग मुख्यतः इंटरनेट के प्रयोग से की जाती है, जिसके लिए इंटरनेट पर पॉडकास्टिंग
प्लेटफार्म की जरूरत होती है। आसान शब्दों में कहें तो यह ऑडियो ब्लॉगिंग जैसा है।
रेडियो सुनने के लिए लोगों को एफएम की जरूरत होती है और पॉडकास्टिंग को लोग इंटरनेट
पर अपनी सुविधानुसार चुनते हैं। मीडिया के क्षेत्र में जिस तरह से बीट्स के तहत काम
होता है वैसे ही पॉडकास्टिंग में एक फोकस श्रोतागण के लिए रोचक विषय का चयन करना भी
बेहद आवश्यक होता है।
किसी प्रोडक्ट या किसी विषय विशेष के बारे में पॉडकास्टिंग करना ज्यादा प्रभाकारी होता हैं। पॉडकास्टिंग करते वक्त इस बात का ध्यान रखा जाना भी आवश्यक है कि उसमें खुद की बात ना की जाए, बल्कि जो श्रोता टारगेट है उसकी रूचि का ध्यान रखा जाए। जब विषय अच्छा होगा तो पॉडकास्टिंग की ज्यादा से ज्यादा लोगों में पहुंच होगी। ज्यादा से ज्यादा पहुंच होगी तो पॉडकास्टिंग का उद्देश्य पूरा होगा। इसके साथ ही यह भी ध्यान जाना आवश्यक है कि पॉडकास्टिंग में दी जा रही जानकारी बेहतर अंदाज में पेश की जाए और इसकी अवधि भी कुछ मिनटों में ही होनी चाहिए, ताकि श्रोता उसे कम समय में आनंद लेकर सुन सकें।
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